मुर्शिदाबाद में एक पुराना-सा नवाबी महल है, जिसके विषय में वहां के रहनेवालों का कहना है कि नवाबी महल न होकर भूत महल बन गया । ऐसी धारणा को कुछ लोगों ने कोरा बहम कहकर झुठलाने का प्रयत्न किया मगर जब दो अखबार वालों ने इसका रहस्य जानने के लिए इस महल के अनदर रात काटने का निर्णय किया तो ? ठीक रात के ग्यारह बजे जब चारों ओर से खिड़किया द्वार बन्द थे; किसी के अन्दर आने की आवाज आई। पहले वह आदमी लगता था, फिर कुत्ता बन गया' । भूत महल का पुराना चौकीदार एहसान अली सत्तर-अस्सी वर्ष का बूढ़ा था, उसके बाप दादा नवाबी महल के अन्दर ही पले थे। यहीं पर उन्होंने नौकरी के कितने ही दौर अपनी आँखों से देखे थे ।
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