पति पत्नी और बीमार औरत

पति पत्नी और बीमार औरत

बूढ़ा अब भी सड़क के बीच खड़ा था चारों ओर भयंकर खामोशी थी हां आस पास के कुत्ते आकाश की ओर मुंह करके रो रहे थे। उस बूढ़े की बढ़ी हुई दाढ़ी मोटी-मोटी लाल आंखें सिर के बाल उलझे हुए चेहरे पर झुर्रियां पड़ी हुई देखने में वह कितना विचित्र-सा लग रहा था सत्य बात तो यह थी कि उसे देखकर ही डर लगता था ।वीरान सड़क चारों ओर कुत्तों के रोने की आवाजों के शोर में दबकर रह गई थी, पहली बार विनोद का दिल अन्दर धड़क रहा था उसकी आत्मा जैसे उसका साथ न दे रही थी । रीना अपने पति की हालत देखकर और साथ ही कुत्तों के आकाश की ओर मुंह करके रोने की आवाजों से कुछ डर-सा महसूस करने लगी परन्तु फिर भी उसने अपने आप पर काबू रखते हुए कहा- आप क्या सोच रहे हैं क्या दवाईयों वाला बैग नहीं है गाड़ी में ।रीना डाक्टर का आपात कालीन बैग तो हर समय उसकी गाड़ी में रहता ही है । उसकी तो मुझे कोई चिन्ता नहीं ।तो फिर....क्या सोच रहे हैं ?कुछ नहीं....कुछ नहीं.... बस यूं ही.....

Download Full PDF


 





Post a Comment

0 Comments