वे दोनों उसे सुनहरे प्रकाश के पास पहुंचे तो उन्हें लगा कि वे उस सुनहरे प्रकाश के घेरे के अन्दर आ गये हैं और तभी उन्हें एक तेज झटका लगा और वे दोनों उस सुनहरे प्रकाश के साथ हवा ऊपर उठ गये । में फिर उन दोनों ने घबराकर जल्दी से अपनी आंखे बंद कर लीं, कुछ समय बाद उनके पैर कहीं जमीन पर टकराये तो उन्होंने अपनी आंखें खोलीं । आंखें खोलते ही उन्हें हर तरफ नीला ही नीला नजर आ रहा था । आकाश की तरफ देखा तो आकाश में चांद अपना प्रकाश फैला रहा था। बबलू ने पूछा- 'मित्र ! ये हम क्या देख रहे हैं ?' राजू ने कहा- 'हाँ, मित्र, हम लोग सुबह स्कूल को निकले थे और उस समय चांद निकला है इसका अर्थ है कि रात्रि आ गई है तो क्या हम लोग काफी समय से हवा में उड़ रहे थे और हवा में जहां तक हमारा विश्वास है कि हम लोग अधिक से अधिक आधा रहे होंगे फिर इतनी जल्दी रात्रि कैसे आ गई, सिर्फ एक आश्चर्य की बात है । तभी उन्हें अपने पीछे-पीछे धीमे से खिलखिलाकर हसने की आवाज सुनाई दी । उन दोनों ने चारों तरफ देखा, मगर उन्हें कोई दिखाई नहीं दिया, वे दोनों बहुत डर गये । तभी आवाज आई- 'बच्चों ! तम दोनों डरो नहीं, मैं इस देश की शहजादी नील परी हूँ, ये देश मेरा है, इस देश का नाम नील देश है ।' राजू ने कुछ हिम्मत बांधकर कहा- 'मगर परी शहजादी आप हमें दिखाई तो नहीं दे रही हैं ।' तभी रोशनी का एक तेज झमाका-सा हुआ....
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